भागलपुर, जून 3 -- भागलपुर, वरीय संवाददाता। अब लोग स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं का हल इंटरनेट और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) से खोजने लगे हैं। कोई बुखार होने पर लक्षण डालकर पूछ रहा है कि क्या यह वायरल है, तो कोई स्किन पर दाने या फुंसी की फोटो भेजकर एआई से जानना चाह रहा है कि यह कैंसर तो नहीं। लोग इसे स्मार्ट तरीका मान रहे हैं, लेकिन डॉक्टरों ने इसे भ्रमित करने वाली और सेहत के लिहाज से खतरनाक प्रवृत्ति बताया है। चिकित्सकों का कहना है कि हर रोग की अपनी जटिलता होती है, जिसे केवल लक्षण या तस्वीर से नहीं पहचाना जा सकता। इसके लिए मेडिकल जांच और विशेषज्ञ से परामर्श जरूरी होता है। जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. राजकमल चौधरी बताते हैं कि अस्पताल में रोजाना तीन से चार ऐसे मामले मिल रहे हैं, जिन्होंने अपना इ...