संभल, अगस्त 30 -- समय बदला तो इंटरनेट ने जगह ली। बच्चों के पास विभिन्न माध्यमों से ज्ञान के नए स्रोत खुले। वे पहले से ज्यादा जानकारी हासिल करने लगे। आज समय एआई का है। हम शिक्षक और बच्चों को एआई से जोड़ें। उन्हें प्रेरित करें कि वे बेहतर शिक्षण अधिगम के लिए एआई का प्रयोग करें। बस सीमाएं ध्यान रखें और ज्ञान के दरवाजे खुले हुए। ध्यान सिर्फ यह रखें कि एआई सहायक टूल हो सकता है, पूरक नहीं। हमें इस पर निर्भर नहीं होना है। हमारी रचनात्मकता (क्रिएटिविटी), विश्लेषण, समझ और कुछ नया करने की सोच ही एआई से श्रेष्ठ परिणाम का आधार बनेगी। नगर पालिका सभागार में शुक्रवार को शहर के सीबीएसई व यूपी बोर्ड के स्कूलों के प्रिंसीपल ने शिक्षा में एआई की चुनौतियां विषय पर हिन्दुस्तान ओलंपियाड संवाद में उक्त बात कही। प्रधानाचार्यों ने तकनीक पर पूरी तरह से निर्भरता पर...