लखनऊ, अगस्त 10 -- लखनऊ, विशेष संवाददाता यूपी विधानसभा में पहली बार आर्टीफिश्यल इंटेलीजेंस को विधायकों की पाठशाला लगी। इसमें कई विधायकों ने एआई को लेकर तमाम आशंकाएं जताई तो कइयों ने इसके जरिए चुनाव जीतने से लेकर सियासी भविष्य तक जानने की मंशा जाहिर की। इस पर संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने साफ किया कि एआई कोई ज्योतिष नहीं जो नेताओं का भविष्य बताए या यह बताए कि कब तक विधायक बनेंगे। सुरेश खन्ना ने कहा कि ज्यादातर सदस्यों की बात से लगा कि वे केवल इसके जरिए राजनीति में एआई की लाभ लेने की मंशा रखते हैं। बात यह कि एआई केवल जानकारी लेने की प्रक्रिया तेज करता है। जैसे अगर गूगल को साइकिल मान लें तो एआई मोटरसाइकिल है यानी जानने की प्रक्रिया और तेज हो गई। हमें एआई की नकारात्मकता पर नहीं सकारात्मकता को देखना होगा। इससे पहले कानपुर आईआईटी के प्रोफेसर...