प्रयागराज, फरवरी 22 -- मैं मीडिया के इतिहास को दो हिस्सों में देखता हूं-बीजी और एजी। मतलब कि बीफोर गूगल और आफटर गूगल। आज की पत्रकारिता गूगल तक सीमित नहीं है बल्कि गूगल में एआई इनेबल्ड है। पल-पल में बदलती सूचनाओं के दौर में पत्रकार की बड़ी जिम्मेदारी है कि सूचनाओं को चेक, क्रॉस चेक, वेरीफाई और क्रॉस वेरीफाइ करे, अन्यथा मिस इन्फॉरमेशन का खतरा हमेशा बना रहेगा, और यह फेक न्यूज का रूप धारण कर लेगा। उक्त बातें माखनलाल चतुर्वेदी राष्टीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने कही। वह इविवि के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग की ओर से आयोजित 'चेंजिंग लैंडस्केप ऑफ मीडिया विषय पर संबोधित कर रहे थे। प्रो. सुरेश ने कहा कि ऑटिफिशियल इंटेलिजेंस का तो दौर है लेकिन ह्यूमन इंटेलिजेंस हमेशा सर्वोपरि है। विद्यार्थियों को अधिक से अधिक साहित्य...