नई दिल्ली, नवम्बर 1 -- भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने निपाह वायरस संक्रमण के उपचार के लिए स्वदेशी रूप से विकसित 'मोनोक्लोनल एंटीबॉडी' का पशुओं पर सफल परीक्षण किया। अब इनके विकास के लिए भारतीय उद्योग भागीदारों से सहयोग मांगा गया है, ताकि महामारी की स्थिति में इसकी समय पर उपलब्धता सुनिश्चित हो सके। 'मोनोक्लोनल एंटीबॉडी' प्रयोगशाला में निर्मित प्रोटीन होते हैं जो बाह्य पदार्थों और हानिकारक रोगाणुओं से सुरक्षा के लिए प्रतिरक्षा प्रणाली द्वारा उत्पादित 'एंटीबॉडी' की नकल करते हैं। आईसीएमआर द्वारा जारी पत्र (ईओआई) के अनुसार, निपाह वायरस भारत के लिए सबसे महत्वपूर्ण 'जूनोटिक (जानवरों से इंसान में फैलने वाले)' खतरों में से एक के रूप में उभरा है तथा 2001 से इसका बार-बार प्रकोप सामने आया है। निपाह वायरस के संक्रमण में मृत्यु दर बहुत...