नई दिल्ली, दिसम्बर 18 -- एंटीबायोटिक प्रतिरोध आज एक गंभीर वैश्विक स्वास्थ्य संकट बन चुका है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि अगर समय रहते इस पर काबू नहीं पाया गया, तो वर्ष 2050 तक यह हर साल करीब एक करोड़ लोगों की जान ले सकता है। इसी चुनौती के बीच इजरायल और अमेरिका के वैज्ञानिकों ने बहुत बड़ी खोज की है, जो इस समस्या से निपटने में एक नया और प्रभावी हथियार साबित हो सकती है। यरूशलेम स्थित हिब्रू यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने पाया है कि बैक्टीरियोफेज (बैक्टीरिया को संक्रमित करने वाले वायरस) एक छोटे आरएनए अणु के माध्यम से बैक्टीरिया की कोशिकाओं को नियंत्रित करते हैं। यह तंत्र अब तक अज्ञात था और इससे फेज थेरेपी को अधिक प्रभावी बनाने की नई संभावनाएं खुल रही हैं। शोध में पता चला कि प्रीएस नामक यह छोटा आरएनए संक्रमित बैक्टीरिया के अंदर एक आणविक 'स्विच' क...
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