नई दिल्ली, दिसम्बर 17 -- जब मन बेचैन हो, दिल भारी लगे और बिना किसी स्पष्ट वजह के चिंता घेर ले, तब खुद को संभालना आसान नहीं होता। हम अक्सर अपनी भावनाओं को दबाने की कोशिश करते हैं या खुद को कमजोर समझने लगते हैं। लेकिन गौर गोपाल दास का मानना है कि एंग्जायटी से लड़ने के बजाय उसे समझना और स्वीकार करना ज्यादा प्रभावी होता है। उनके अनुसार, मानसिक शांति पाने के लिए हमें खुद के साथ जुड़ना और दयालु होना सीखना चाहिए। यह प्रक्रिया धीरे-धीरे मन को स्थिर करती है और मुश्किल पलों में संतुलन बनाए रखने में मदद करती है। आइए जानते हैं उनके बताए चार अहम स्टेप्स, जो एंग्जायटी या लो फीलिंग के समय सहारा बन सकते हैं।Reflect - खुद से जुड़ने का समय निकालें सबसे पहले एक पल रुकें। अपने मन की स्थिति को बस महसूस करें। बिना किसी जजमेंट के, बिना उसे ठीक करने की कोशिश किए...