शाहजहांपुर, नवम्बर 11 -- फोटो 22: कार्यक्रम के दौरान आरती करतीं महिलाएं। शाहजहांपुर, संवाददाता। मंगलमय परिवार के तत्वावधान में कैंट स्थित रामलीला मैदान में चल रही श्रीराम कथा के तीसरे दिवस पर भक्ति, करुणा और मर्यादा का अद्भुत संगम देखने को मिला। परमपूज्य संत विजय कौशल महाराज ने कथा के दौरान भगवान श्रीराम के मिथिला आगमन, अहिल्या उद्धार, ताड़का वध और विश्वामित्र द्वारा राजा दशरथ से राम को मांगने जैसे दिव्य प्रसंगों का भावपूर्ण वर्णन किया। कथा व्यास ने कहा कि जब भगवान धरती पर अवतरित होते हैं, तो केवल अधर्म का नाश करने नहीं, बल्कि आत्माओं के उद्धार के लिए आते हैं। अहिल्या उद्धार का प्रसंग सुनाते हुए उन्होंने कहा, अहिल्या पत्थर नहीं थीं, वे अहंकार और अविश्वास की प्रतीक थीं। जब श्रीराम के चरण उन पर पड़े, तो उनके भीतर की चेतना जाग उठी। यही रामकृ...