वाराणसी, अप्रैल 5 -- वाराणसी, मुख्य संवाददाता। लंका युद्ध के पूर्व जब श्री राम का मन किंचित विचलित हुआ तो ऋषि अगस्त्य ने उन्हें आदित्य हृदय स्तोत्र का उपदेश देकर असमंजस की स्थिति से उबारा। श्रीराम के पराक्रम को नई धार दी। राम काज में ऋषि अगस्त्य के इस विशिष्ट अंशदान को नमन करते हुए शनिवार को श्रीराम साम्राज्य पट्टाभिषेकम महोत्सव के यज्ञ मंडप में उनके नाम विशिष्ट आहुतियां अर्पित की गई। मानसरोवर स्थित श्रीराम तारक आंध्र आश्रम में चल रहे पट्टाभिषेकम महोत्सव में शनिवार को आदित्य हृदय स्रोत का स्तवन भी किया गया। महोत्सव के यज्ञ अनुष्ठान की पूर्णाहुति भी हो गई। सायंकाल भगवान रामचंद्र के विग्रह के साथ भक्तों ने गंगा घाट पर हव्य व्रत स्नान किया। यज्ञ एवं महोत्सव के अन्य अनुष्ठानों के मुख्य आचार्य उलीमीरी शोमायाजुलू ने बताया कि हवन एवं वाल्मीकि रा...