रिषिकेष, अक्टूबर 24 -- डीएसबी इंटरनेशनल स्कूल में आयोजित तीन दिवसीय सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम के अंतिम दिन शुक्रवार को जर्मनी और डीएसबी के छात्र-छात्राओं ने एक-दूसरे की संस्कृति और शिक्षा के बारे में जाना। डीएसबी के विद्यार्थियों ने आकर्षक गीत, नृत्य और नाट्य प्रस्तुतियां देकर भारतीय कला और परंपरा की झलक प्रस्तुत की। जर्मन विद्यार्थियों ने भी अपने विद्यालय से जुड़ी सांस्कृतिक प्रस्तुति दी, जिससे दोनों देशों की संस्कृतियों का अद्भुत संगम मंच पर दिखाई दिया। विद्यालय के अध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी महाराज ने कहा कि संस्कृति केवल परंपराओं का संग्रह नहीं, बल्कि वह आत्मा का प्रकाश है जो मानवता का मार्ग आलोकित करता है। जब दो संस्कृतियां मिलती हैं, तो मनुष्यता का विस्तार होता है और प्रेम, सहयोग तथा सद्भाव की भावना और प्रगाढ़ होती है। उन...