रांची, अप्रैल 10 -- निशि कांत रांची। बैंकों के साथ फाइनेंस कंपनियों से ऋण लेकर हजारों लोगों ने मकान और फ्लैट के साथ वाहन की खरीदारी कर समाज में रुतबा कायम किया। कई ने व्यापार बढ़ाने एवं नया रोजगार शुरू करने के नाम पर ऋण लिया। लेकिन, इसमें से कई ऋण के कुछ ही किस्तों का भुगतान करने के बाद कंगाल बन गए और किस्त जमा करना छोड़ दिया। कुछ व्यापार में नुकसान का हवाला देते हुए किस्त चुकाने में अपने-आप को असमर्थ बताया। बीते सालों के मुकाबले इस साल मार्च महीने तक में ही ऋण लेकर चुकता नहीं करनेवाले कर्जदारों की संख्या में जबरदस्त उछाल आया है। तीन महीने में 3270 से अधिक लोगों को बैंक और फाइनेंस कंपनी डिफॉल्टर घोषित कर चुका है। इन सभी लोगों के खिलाफ सिविल कोर्ट में चेक बाउंस के मामले में मुकदमा किया गया है। केस दर्ज होने के बाद जेल जाने की डर से इसमें स...