बरेली, दिसम्बर 8 -- एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केपी सिंह व पादप विज्ञान (प्लांट साइंस) विभाग के प्रो. उपेंद्र कुमार बालियान ने अरहर (पिजन पी) में एक बड़ा और महत्वपूर्ण बदलाव कर दिखाया है। उन्होंने चावल के ओएस लेक-आरएलके नामक जीन को अरहर में डालकर ऐसी नई पौध प्रजाति तैयार की है, जो नमक वाले यानी ऊसर खेतों में भी अच्दी पैदावार दे सकती है। आमतौर पर ज्यादा नमक वाली मिट्टी में पौधे अच्छे से बढ़ नहीं पाते, लेकिन इस नए प्रयोग ने अरहर को मजबूत और सक्षम बना दिया है। ‎शोध में पाया गया कि चावल के ओएस लेक-आरएलके जीन से बनी अरहर की इन पौधों में सेल सिग्नलिंग यानी कोशिका-स्तर की सूचनाएं भेजने की क्षमता बहुत अधिक बढ़ गई। इसकी वजह से पौधा तनाव को जल्दी पहचानता है और खुद को बचाने के लिए अंदरूनी तंत्र को सक्रिय कर लेता है। जब इन पौधों को...