नई दिल्ली, मार्च 12 -- म्यांमार में फंसे गाजियाबाद और फिर देर शाम लखनऊ पुलिस लाइन पहुंचे 21 लोगों से पूछताछ की गई। एसीपी क्राइम और खुफिया विभाग के अधिकारी ने सबके विवरण नोट किए। देर रात जिला प्रशासन और पुलिस अधिकारी यह बताने की स्थिति में नहीं थे कि मुक्त कराए गए लोगों को कहां ले जाया जाएगा। लखनऊ के मो. अनस, अमन सिंह और सुल्तान सलाउद्दीन ने एसीपी क्राइम अभिनव को बताया कि साइबर ठग भारत से एमबीए, बीबीए की पढ़ाई पूरी कर चुके युवाओं को टारगेट करते थे। काम के दौरान नींद आने पर बाल नोच कर मारपीट करते थे। उन्होंने बताया कि युवाओं को 70 हजार से एक लाख रुपये प्रति माह वेतन का लालच देकर कभी बैंकॉक तो कभी पश्चिम बंगाल के रास्ते म्यांमार ले जाते थे। म्यांमार के बॉर्डर पर एक फ्लैट में रखते थे। एक हॉल में 15 से 20 लोगों को रखा जाता था। उन्हें लैपटॉप दे...