नई दिल्ली। हेमलता कौशिक, अप्रैल 30 -- दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक डॉक्टर के अपनी कार के प्रति लगाव को देखते हुए उसे रिलीज करने के आदेश दिए हैं। कार की 15 साल की उम्र पूरी होने पर नगर निगम ने इसे जब्त कर लिया था, लेकिन डॉक्टर की याचिका के तथ्यों को देखते हुए उसे छोड़ने के आदेश दिए गए हैं। न्यायमूर्ति मिनी पुष्करणा की पीठ ने डॉक्टर के पक्ष में फैसला सुनाते हुए दिल्ली नगर निगम को निर्देश दिए हैं कि जीवन समाप्त कर चुके वाहन को स्क्रैप ना करें। इस वाहन को उसके मालिक को सौंपते समय निर्धारित प्रक्रिया का पालन करें। दरअसल, डॉक्टर ने याचिका दायर कर कहा था कि उनकी शेवरले कार की 15 साल की उम्र पूरी हो चुकी है। उनकी कार क्लीनिक के बाहर खड़ी थी। इसको नगर निगम उठाकर ले गया है। इस कार से उनके परिवार की बहुत सी यादें जुड़ी हैं। वह इसको खोना नहीं चाहते। वह...