शामली, जून 10 -- जिला कृषि अधिकारी प्रदीप कुमार यादव ने बताया कि यदि किसी उर्वरक विक्रेता द्वारा यूरिया, डीएपी आदि उर्वरकों की खरीद के साथ जबरन कीटनाशक या अन्य उत्पादों की ट्रैगिंग की जाती है, तो उसके विरुद्ध उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 व आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के तहत कठोर कार्रवाई की जाएगी। उसका लाइसेंस भी निरस्त किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि जनपद में उर्वरकों की कोई कमी नहीं है। डीएपी की एक रैक गुजरात से रवाना हो चुकी है, जो 11 जून तक शामली पहुंचने की संभावना है। उन्होने किसानों को खरीफ फसलों में संतुलित उर्वरक प्रयोग और एसएसपी व एनपीके के उपयोग की सलाह दी है। सभी विक्रेताओं को पीओएस मशीन से बिक्री, कैश मैमो देना और स्टॉक रजिस्टर अपडेट रखने के निर्देश दिए गए हैं।

हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा ...