अलीगढ़, नवम्बर 26 -- अलीगढ़। उर्दू किताब मेला के पांचवें दिन साहित्य, संस्कृति और कला से जुड़े चार महत्वपूर्ण कार्यक्रमों ने दर्शकों को खासा आकर्षित किया। पुस्तकों की खरीदारी के साथ-साथ मंचीय प्रस्तुतियों ने माहौल को और जीवंत बनाया। डॉ. फैजानुल हक ने मौलाना आजाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय के चांसलर और वरिष्ठ लेखक फिरोज बख्त अहमद से विस्तृत बातचीत की। उन्होंने बच्चों के साहित्य के प्रति समाज की उपेक्षा पर चिंता जताते हुए कहा कि मूल्यबोध तथा संस्कृति को नई पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए यह अत्यंत आवश्यक विधा है। उन्होंने खिलौना, पयाम-ए-तालीम और गुंचा जैसी पत्रिकाओं से अपने जुड़ाव का उल्लेख भी किया। डिजिटल दुनिया में पुस्तकीय संस्कृति का विकास, विषय पर डॉ. अजरा नकवी, डॉ. ज़ुबैर शादाब और डॉ. नौशाद मंजर ने विशेषज्ञ के रूप में विचार रखे। शाम को य...
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