प्रयागराज, जुलाई 5 -- प्रयागराज, विधि संवाददाता। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण आदेश में कहा है कि पहली जुलाई 2024 से भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 लागू होने के साथ ही राज्य में हत्या या आजीवन कारावास से दंडनीय आपराधिक मामलों में अग्रिम जमानत देने पर प्रतिबंध अब लागू नहीं है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि बीएनएसएस की धारा 482 अब अग्रिम जमानत को नियंत्रित करती है, सीआरपीसी की धारा 438 (6) के तहत निहित किसी भी तरह के प्रतिबंध को बरकरार नहीं रखती। बीएनएसएस लागू होने के बाद सीआरपीसी निरस्त हो गई है। सीआरपीसी की धारा 438 (6) के तहत प्रदेश में उम्रकैद या हत्या वाले मामलों में अग्रिम जमानत प्रतिबंधित की गई थी। यह आदेश न्यायमूर्ति चंद्र धारी सिंह ने अब्दुल हमीद की दूसरी अग्रिम जमानत अर्जी को स्वीकारते हुए दिया है। याची को 13 अगस्त 2011 को बरेली...
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