मधुबनी, जुलाई 12 -- बिस्फी, निज प्रतिनिधि। बिस्फी प्रखंड के मध्य भाग में स्थित उमावि नाहस-खंगरैठा मूलभूत सुविधाओं की कमी से जूझ रहा है। इसकी स्थापना 1951 में हुई थी। उदेश्य था ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा की ज्योति जलाना। क्षेत्र के पतौना,सकराढी,नाहस,खंगरैठा,नवटोली,भगौती आदि गांवों से लड़के, लड़कियां पढ़ने को आते हैं। विद्यालय को पीएमश्री के रूप में 2024 में चुना गया है। प्रखंड का एक मात्र विद्यालय है जिसे पीएमश्री के रूप चुने जाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। इसके बाद भी यह विद्यालय मूलभूत सुविधाओं की कमी से जूझ रहा है। पीएमश्री के चयन के बाद निकट के ही मध्य विद्यालय नाहस-खंगरैठा के छठी से आठवीं कक्षा के छात्रों का भी नामांकन हुआ है। विद्यालय में शिक्षकों की संख्या 26 है। लेकिन छठी से आठवीं के लिए केवल दो शिक्षक ही है। पूरे विद्यालय में सा...