नई दिल्ली, जुलाई 10 -- 2020 के दिल्ली दंगा मामले में आरोपी जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद, शरजील इमाम, गुलफिशा फातिमा और अन्य की जमानत याचिकाओं का कड़ा विरोध करते हुए दिल्ली पुलिस ने बुधवार को कहा कि यह देश को धार्मिक आधार पर बांटने की सुनियोजित साजिश थी। दिल्ली पुलिस ने यह भी कहा कि इस तरह के राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में शामिल लोगों को जमानत नहीं मिलनी चाहिए। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता दिल्ली पुलिस की ओर से पेश हुए। दिल्ली हाईकोर्ट की जस्टिस नवीन चावला और जस्टिस शालिंदर कौर की डिवीजन बेंच के समक्ष इस मामले पर सुनवाई हो रही है। तुषार मेहता ने कोर्ट से कहा, "उमर खालिद और शरजील इमाम देश को धार्मिक आधार पर विभाजित करने की तैयारी कर रहे थे। यह कोई सामान्य दंगा नहीं था, बल्कि एक गहरी और सुनियोजित साजिश थी।" कोर्ट में तर्क रखते हुए मेहता ने कहा...
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