नई दिल्ली, अगस्त 21 -- हरेक वर्ष 21 अगस्त को अंतरराष्ट्रीय वरिष्ठ नागरिक दिवस मनाया जाता है। इसका उद्देश्य है, बुजुर्गों, वरिष्ठ नागरिकों को सम्मान देना और उनकी समस्याओं के प्रति समाज को जागरूक करना। विडंबना यह है कि भारत में, जहां 'मातृदेवो भव, पितृदेवो भव' की शानदार परंपरा रही है, आज बुजुर्ग लोग उपेक्षा और तिरस्कार झेलने को मजबूर हैं। वे अपने घर में रहते हुए भी उसमें अपनापन नहीं महसूस कर पा रहे। अपने युवाकाल में उन्होंने जिन बच्चों का लालन-पालन कर सक्षम बनाया, उनके लिए घर बनाया, आज उन्हीं बच्चों से अपमान झेलने को वे मजबूर होते हैं। भारतीय संस्कृति में श्रवण कुमार और भगवान श्रीराम जैसे उदाहरण हैं, जिन्होंने अपने माता-पिता की आज्ञा और सेवा को सर्वोपरि माना। किंतु आधुनिक समय में संयुक्त परिवार टूटकर एकल हो गए हैं। करियर, नौकरी और व्यक्तिगत...