दरभंगा, मई 1 -- बांस से विभिन्न सामग्री बनाने का मिथिला में पुरातन व समृद्ध इतिहास रहा है। बांस से बनी सामग्री का उपयोग लोग घरों को सजाने के अलावा फर्नीचर, बर्तन, टोकरी, चटाई, कृषि उपकरण, वाद्य यंत्र आदि में करते हैं, लेकिन सदियों से बांस की सामग्री बनाने की कला को जीवंत रखने वाला समाज आज हाशिये पर है। अपनी कला और कौशल से घरों को सजाने और खासकर पर्व-त्योहार में लोगों की जरूरतें पूरी करने वाला यह समुदाय कई समस्याओं से जूझ रहा है। इनकी ओर अक्सर समाज और सरकार का ध्यान नहीं जाता है। दैनिक जीवन की मूलभूत आवश्यकताओं से जूझते इस समुदाय के सामने अपनी कला को बचाने और भविष्य को सुरक्षित करने की चुनौती है। इस समाज के फेकू मल्लिक बताते हैं कि हमारे समाज का बांस के साथ अटूट रिश्ता है। पीढ़ी दर पीढ़ी हमारा समुदाय बांस से टोकरी, चटाई, पंखे, फर्नीचर और स...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.