कुशीनगर, जुलाई 19 -- कुशीनगर। फाजिलनगर विकासखंड के रहसू जनूबी पट्टी के दुबे पट्टी मठिया टोला का प्राचीन कबीर मठ उपेक्षा का शिकार है। यह अपने अतीत को याद कर वर्तमान पर आंसू बहा रहा है। किसी जनप्रतिनिधि या प्रशासनिक अमले ने इसकी सुधि नहीं ली है। यह मठ वर्ष 1750 में दयाल गोस्वामी जी महाराज द्वारा संत कबीर दास के विचारों से जन सामान्य के मार्ग दर्शन व कल्याण को ध्यान में रखकर स्थापित किया गया था। बांसगांव चौरिया स्टेट के जमींदार पदकधारी सिंह के द्वारा कुल 57 एकड़ जमीन मठ को दी गई थी। वर्तमान में 20 एकड़ जमीन पर पर मठ द्वारा खेती की जाती है। जिससे मठ का खर्चा चलता है। दो एकड़ जमीन में मठ के भवन आदि स्थापित हैं जो जर्जर अवस्था में पहुंच गए हैं। मठ द्वारा पशुपालन किया जाता था, जिसमें दुधारू पशु भी पाले जाते थे। वर्तमान में फलों का बगीचा भी है। अ...