पटना, जुलाई 29 -- Upendera Kushwaha RLM News: राष्ट्रीय लोक मोर्चा (रालोमो) के संस्थापक उपेन्द्र कुशवाहा का सियासी ग्राफ चढ़ता-उतरता रहा है। शिक्षक से राजनेता बने कुशवाहा खुद को बिहार की सयासत में एक बड़े चेहरे के बतौर स्थापित करने में कामयाब रहे, लेकिन सियासी स्थिरता या कामयाबी उन्हें उस औसत की नहीं मिल पाई। इस बार वह अपनी नई पार्टी रालोमो के बैनर तले एनडीए का हिस्सा बनकर उतरेंगे। जदयू से अलग होने के बाद डेढ़ दशक से संभावनाओं की तलाश जारी है। उपेन्द्र कुशवाहा की सियासी दलों में सहज स्वीकार्यता एक बड़ी ताकत है। इसलिए जब मन चाहा जदयू से निकले, फिर वापसी की। इसी तरह एनडीए और महागठबंधन के दरवाजे खुले रहे। अलग गठबंधन बनाकर भी किस्मत आजमायी, लेकिन नतीजे सुखद नहीं रहे।2013 में बनी रालोसपा का 2021 में जदयू में विलय उपेन्द्र कुशवाहा दो बार अपनी प...