गिरडीह, सितम्बर 24 -- बगोदर। विलुप्त हो रहे आदिम जनजाति बिरहोर समुदाय की अबतक की पहचान रहन- सहन और खान- पान की प्राचीन व्यवस्था है। लेकिन इसी समुदाय की उपासी कुमारी ने इसे झुठलाया है। उन्होंने समाज को नई पहचान दी है। अपने गांव और समुदाय की पहली बेटी है जिन्होंने डिग्री की पढ़ाई हेतु एडमिशन के लिए घाघरा साइंस कॉलेज में फॉर्म जमा की है। उपासी बगोदर प्रखंड के बुढ़ाचांच बिरहोर टंडा की रहनेवाली है। उपासी ने हिन्दी ऑनर्स विषय चुना है। बनवासी विकास आश्रम नामक संस्था ने उपासी के नामांकन की प्रक्रिया में मार्गदर्शन, प्रोत्साहन और आवश्यक सहयोग प्रदान किया। बता दें कि बिरहोर समुदाय झारखंड की विलुप्तप्राय आदिम जनजातियों में से एक है। समुदाय में शिक्षा विशेषकर बालिकाओं की शिक्षा एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। ऐसे माहौल में उपासी का यह कदम न केवल उनके परिव...