नई दिल्ली, अगस्त 11 -- केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट में कहा कि केंद्र शासित प्रदेश के उपराज्यपाल को विधानसभा में पांच सदस्यों को मनोनीत करने का अधिकार है। उपराज्यपाल को दी गई यह शक्तियां सभी समुदायों की समावेशिता और पर्याप्त प्रतिनिधित्व के लिए जरूरी हैं। गृह मंत्रालय ने एक हलफनामे में कहा कि उपराज्यपाल की शक्तियां उनके विवेकाधिकार के अधीन हैं और मंत्रिपरिषद की सहायता और सलाह के बिना भी उनका प्रयोग किया जा सकता है। यह हलफनामा कांग्रेस नेता रवींद्र शर्मा की याचिका के जवाब में दाखिल किया गया। याचिका में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम की धारा 15, 15-ए और 15-बी की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी गई है। इन धाराओं के तहत उपराज्यपाल विधानसभा में स्वीकृत संख्या से अधिक पांच सदस्यों को मनोनीत कर सकते हैं। गृह मंत्रालय ने कहा कि ये धा...