रामपुर, मई 12 -- जिला अस्पताल में जेनरेटर तो है, लेकिन डीजल के लिए बजट ही नहीं है। पिछले कुछ समय से ऐसी व्यवस्थाओं के साथ जिला अस्पताल चलाया जा रहा है। अस्पताल में आए दिन बिजली गुल हो जाती है तो जनरेटर चलाने के लिए सीएमएस अपनी जेब से तेल मंगाते हैं। जिला अस्पताल में हर रोज करीब दो हजार लोग उपचार को पहुंचते हैं। इनमें 40 से 50 मरीजों को भर्ती किया जाता है। इस भीषण गर्मी में जहां तापमान 40 डिग्री को छू रहा है, ऐसे में वार्डों में भर्ती मरीजों को पंखे, कूलर आदि का सहारा है। पैथोलाजी लैब, एक्सरे, अल्ट्रासाउंड, इमरजेंसी आदि में भी बिजली का काम है। बिजली की आपूर्ति के लिए जिला अस्पताल के लिए 450 केवीए का सब स्टेशन बना है। जहां से अस्पताल को बिजली की सप्लाई मिलती है। अक्सर आंधी-बारिश के मौसम में बिजली लाइन में फाल्ट होने से अस्पताल में बिजली की ...
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