नई दिल्ली, जनवरी 31 -- महाराष्ट्र में इन दिनों इस बात की चर्चा है कि विधानसभा चुनावों के बाद शिंदे की बड़ी नाराजगी को भाजपा अभी तक नहीं भूली है। हाल ही में, शिंदे ने राज्य के कुछ जिलों में संरक्षक मंत्रियों की नियुक्ति पर कड़ी आपत्ति जताई थी। भाजपा को उनकी यह दबाव की राजनीति नहीं हजम हो रही है। महाराष्ट्र के सियासी महकमों में इन दिनों अटलकों के बाजार गर्म हैं। भाजपा और उसकी पुरानी सहयोगी शिवसेना (यूबीटी) के फिर से एक होने को लेकर चर्चाएं तेज हैं। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने हालांकि इसका खंडन कर दिया है, लेकिन अब भी ऐसी चर्चाएं जोरों पर हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि भाजपा एकनाथ शिंदे के दबाव को गैर-जरूरी मान रही है। माना जा रहा है कि उन्हें नियंत्रण में रखने के लिए ही उद्धव ठाकरे से करीबियां बढ़ाई जा रही हैं। महाराष्ट्र सरकार में मंत्री चंद्रक...