प्रयागराज, अक्टूबर 28 -- प्रयागराज, संवाददाता। लोक आस्था के महापर्व छठ के अंतिम दिन व्रतियों ने संगम तट के अलावा दशाश्वमेध घाट, रामघाट, बलुआघाट, गऊघाट, मौजगिरि, कालीघाट, बरगद घाट, रसूलाबाद घाट, शिवकुटी, झूंसी व फाफामऊ के घाटों पर उदीयमान सूर्य को विधिविधान से अर्घ्य दिया गया। अर्घ्य देने के साथ ही व्रती महिलाओं का 36 घंटे का निर्जला उपवास भी संपन्न हुआ। व्रतियों ने पारण किया तो छठी मैया और गंगा मैया के जयकारों के साथ घाटों से लेकर घरों तक पर्व के महाप्रसाद को खिलाकर उसकी मिठास भी घोली गई। उगते सूर्य को अर्घ्य देने के लिए आधी रात से ही घाटों पर व्रती महिलाएं परिवारों के साथ पहुंचने लगी थीं। नाक से माथे तक सिंदूर लगाकर व्रतियों ने गंगाजल से गन्ने की वेदी को शुद्ध कर उसमें अखंड ज्योति कलश रखा। वेदी के भीतर सूप में ठेकुआ, फल-फूल व मिष्ठान सहि...