रांची, मार्च 8 -- रांची, वरीय संवाददाता। प्राकृतिक खेती से रासायनिक उर्वरकों एवं कीटनाशकों पर निर्भरता खत्म होने के साथ ही फसल उत्पादन की गुणवत्ता बेहतर होती है। इससे पैदावार के अच्छे दाम मिल जाते हैं। ऐसे में किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने पर जोर देना होगा। इसी संकल्प के साथ मोरहाबादी के रामकृष्ण मिशन आश्रम दिव्यायन कृषि विज्ञान केंद्र में शुक्रवार को पांच दिनी प्रशिक्षण संपन्न हुआ। वैज्ञानिकों ने किसानों को बताया कि प्राकृतिक खेती से मृदा की उर्वरता और जैविक गतिविधियां बढ़ती हैं। जल संरक्षण में भी मदद मिलती है। क्योंकि यह पद्धति नमी बनाए रखने में सहायक है। विभिन्न सत्र के दौरान डॉ मनोज कुमार सिंह ने प्राकृतिक खेती के मूल सिद्धांत, उद्देश्य एवं सिद्धांत, अवसर एवं संभावना व पोषक प्रबंधन रणनीति पर विचार रखे। डॉ राजेश कुमार, डॉ विशाखा सिं...