नई दिल्ली, नवम्बर 14 -- मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को उत्पन्ना एकादशी कहा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसी दिन एकादशी देवी का प्राकट्य हुआ था। धर्मशास्त्रों में इसे ऐसा व्रत माना गया है जो व्यक्ति के पाप, तनाव, कर्ज, बाधाओं और मानसिक अशांति को दूर कर देता है। जो व्यक्ति यह व्रत करता है, उसके जीवन में नई ऊर्जा, धन-समृद्धि और शांति आती है। इस साल यह पावन व्रत कल यानी 15 नवंबर 2025 को रखा जाएगा। पौराणिक मान्यता के मुताबिक इस दिन भगवान विष्णु की पूजा और व्रत करने से रुके हुए कामों में गति आती है और परिवार में सुख-शांति बढ़ती है।उत्पन्ना एकादशी 2025 मुहूर्त एकादशी तिथि प्रारम्भ - नवम्बर 15, 2025 को 12:49 ए एम बजे एकादशी तिथि समाप्त - नवम्बर 16, 2025 को 02:37 ए एम बजे पारण (व्रत तोड़ने का) समय - 16 नवंबर को पारण (व्रत तोड़ने क...