मुजफ्फर नगर, जुलाई 20 -- सावन मास में भिन्न -भिन्न इच्छाओं की पूर्ति के लिए विभिन्न द्रव्यों से व रुद्र मंत्रों के साथ भगवान शिव की पूजा एवं रुद्राभिषेक का महत्ता है। ॐ नमः शिवाय मंत्र के साथ जल से किया गया अभिषेक जलाभिषेक कहलाता है। महामृत्युंजय सेवा मिशन अध्यक्ष संजीव शंकर ने बताया कि पंचामृत ( दूध, दही, शहर, घी व गंगाजल) से किया गया अभिषेक समस्त प्रकार के सुख समृद्धि वाला होता है । किसी भी विशेष दिन किसी विद्वान ब्राह्मण के साथ बैठकर रुद्राभिषेक करना चाहिए । सामान्य रूप से प्रतिदिन गुरु से प्राप्त कोई शिव मंत्र जपते हुए पंचामृत से अभिषेक करें। शिवालय में शिवलिंग के दक्षिण दिशा में उत्तर की ओर मुख करके पूजा करनी चाहिए। क्योंकि सामान्य रूप से जो जलहरी का मुख होता है वह उत्तर की ओर होता है उन्होंने यह भी कहा कि धन के लिए गन्ने के रस से, प...