नई दिल्ली, मार्च 3 -- वीर माधो सिंह भंडारी उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय (यूटीयू) में सॉफ्टवेयर डेवलप करने के नाम पर करोड़ों का घोटाला सामने आया है। आरोप है कि विवि के कुछ अफसरों ने लखनऊ की एक कंपनी से साठगांठ कर सरकार को दो करोड़ रुपये से अधिक का चूना लगाया है। मामले की प्राथमिक जांच में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। तकनीकी शिक्षा सचिव डॉ.रंजीत सिन्हा ने उच्चस्तरीय तकनीकी समिति गठित कर विस्तृत जांच के निर्देश दिए हैं। साथ ही दोषी पाए जाने वाले अफसरों पर कठोर कार्रवाई के साथ रिकवरी की भी संस्तुति की है। यूटीयू ने एंटरप्राइज रिसोर्स प्लानिंग (ईआरपी) और यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट सिस्टम(यूएमएस) सॉफ्टवेयर बनवाने को लखनऊ की एक कंपनी से करार किया था। इसके तहत कंपनी को प्रति छात्र 567रुपये की दर से भुगतान किया गया, जो प्रतिवर्ष करीब दो करोड़ रुपय...