देहरादून, जुलाई 18 -- पंचायत और नगर निकायों को मज़बूत करना उत्तराखंड में जमीनी स्तर पर लोकतंत्र और सेवाओं की प्रभावी डिलीवरी के लिए आवश्यक है। ये बात शुक्रवार को दून विवि में वित्त आयोग के सहयोग से आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला में सामने आयी। कार्यशाला में देशभर के प्रमुख विशेषज्ञों, अकादमिक विद्वानों और राष्ट्रीय प्रशासनिक व वित्तीय संस्थानों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। उन्होंने 73वें और 74वें संविधान संशोधन के बाद उत्तराखंड में विकेंद्रीकरण और अधिकार हस्तांतरण की उपलब्धियाँ, चुनौतियाँ और रणनीतियां पर विस्तार से विचार मंथन किया। उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि पूर्व वित्त सचिव डॉ. अरविंद मायाराम ने कहा कि लोकतंत्र केवल बैलेट बॉक्स और संसद तक सीमित नहीं रह सकता, इसे हर गली और गाँव तक पहुँचाना होगा। कुलपति प्रोफेसर सुरेखा डंगवाल ने ने कहा कि 73व...
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