हल्द्वानी, जुलाई 4 -- हल्द्वानी, मुख्य संवाददाता। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि उत्तराखंड में सरकारी विद्यालयों को मर्ज करना अथवा बंद करने का निर्णय न सिर्फ शिक्षा विरोधी है, बल्कि यह शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 की मूल भावना का खुला उल्लंघन है। शुक्रवार को प्रेस को जारी बयान में उन्होंने सरकार से इस मर्जर नीति को तत्काल प्रभाव से रोकने, हर गांव में संविधान और आरटीई एक्ट के अनुसार स्थानीय स्कूल की गारंटी, शिक्षा में निजीकरण और केंद्रीकरण के बजाय जन-भागीदारी और विकेंद्रीकरण को बढ़ावा देने की मांग की है। आर्य ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में क्लस्टर स्कूल की अवधारणा को स्कूल शिक्षा की गुणवत्ता और संसाधनों के समुचित उपयोग को बढ़ाने के लिए प्रस्तावित किया गया है, लेकिन इसके अंतर्गत कही भी स्कूलों के विलय-समायोजन या बंद करने का को...