देहरादून, मार्च 5 -- उत्तराखंड में वीर माधो सिंह भंडारी उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय (यूटीयू) की ओर से लखनऊ की एक कंपनी के साथ हुए करार के बाद तैयार किए गए सॉफ्टवेयर (ईआरपी-यूएमएस) को लेकर सवाल उठे तो शासन ने इस अब रद्द कर दिया है। खासबात यह है कि जिस काम के लिए यह सॉफ्टवेयर तैयार किया गया है, उस काम के लिए भारत सरकार की ओर से पहले से तैयार समर्थ पोर्टल देशभर के तमाम राज्यों में बेहतर ढंग से काम कर रहा है। शासन की ओर से अब यूटीयू में भी इसे लागू करने के निर्देश दिए गए हैं। विभागीय सूत्रों की माने तो इस सॉफ्टवेयर की आड़ में निजी कंपनी को अब तक दो-दो करोड़ की तीन किश्तों में करीब छह करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है। कंपनी को यूटीयू की ओर से यह भुगतान प्रतिवर्ष दो करोड़ रुपये प्रति छात्र 567 रुपये की दर से किया गया। तकनीकी शिक्षा विभा...