चांद मोहम्मद | देहरादून, जुलाई 14 -- पालतू कुत्ते-बिल्ली पालने वालों को सतर्क होने की जरूरत है। इन जानवरों से लगातार संपर्क और सफाई में कोताही बरतने पर लेप्टोस्पायरोसिस बीमारी का खतरा बढ़ जाता है, जिससे किडनी-लिवर प्रभावित हो सकते हैं। दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में हाल ही में ऐसे कई मरीज आए, जिनमें इस बीमारी के लक्षण पाए गए। डॉक्टरों के अनुसार, इस संक्रमण को समय रहते पहचान कर इलाज नहीं किया जाए तो मरीज की हालत गंभीर हो सकती है। दून के अस्पतालों में रोजाना औसतन 250 लोग कुत्ते के काटने पर इंजेक्शन लगवाने पहुंच रहे हैं। फार्मासिस्ट के अनुसार, लगभग 65 से 70 फीसदी मामले पालतू कुत्तों के काटने के होते हैं।मलेरिया से मिलते-जुलते हैं शुरुआती लक्षण दून अस्पताल की वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. सोनिया सिंह के मुताबिक, इस बीमारी के शुरुआती लक्षण मलेरिया से मिलत...
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