चंद्रशेखर बुड़ाकोटी, दिसम्बर 17 -- जबरन धर्मांतरण पर सजा का प्रावधान बढ़ाने से जुड़े उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक 2025 को लोकभवन से मंजूरी नहीं मिल पाई है। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने इस विधेयक को पुनर्विचार के संदेश के साथ सरकार को लौटा दिया है। सूत्रों के अनुसार लोकभवन ने विधेयक के ड्राफ्ट में तकनीकी गलतियों के कारण यह कदम उठाया है। विधायी विभाग को मंगलवार को ही विधेयक प्राप्त हुआ। धामी सरकार के इस महत्वाकांक्षी विधेयक को लागू करने के लिए अब केवल दो ही रास्ते हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार अब या तो सरकार अध्यादेश लाकर इसे लागू करे या अगले विधानसभा सत्र में इसे दोबारा पारित कराना पड़ेगा। यह भी पढ़ें- बीएस-6 वाहनों को ही दिल्ली में एंट्री से उत्तराखंड की मुश्किल,180 बसों पर पाबंदी यह भी पढ़ें- उत्तराखंड म...