देहरादून, फरवरी 24 -- उत्तराखंड में निर्माण कार्यों को लेकर उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम अक्सर विवादों में रहा है। निर्माण कार्यों की गुणवत्ता और कार्यों में देरी को लेकर भी कई बार सवाल उठे हैं। राज्य में एक दौर तो ऐसा भी रहा, जब यूपी निर्माण निगम को पूरे प्रदेश में जमकर निर्माण कार्य आवंटित किए गए। वर्ष 2018 से पहले के मामलों में जांच बैठी तो कई अधिकारी राडार पर आए। जिन छह मामलों में गड़बड़ी पकड़ी गई है, उनमें तत्कालीन अधिकारियों पर बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं।कौशल विकास के छह करोड़ समायोजित नहीं पहला मामला कौशल विकास विभाग का है। आरोप है कि 15 आईटीआई (एसपीए योजना) के लिए 1517.50 लाख रुपये अवमुक्त किए गए थे। इनमें से बसुकेदार, चिरबटिया, बडावे, थल, गंगोलीहाट, कठपुडियाछीना में संस्थानों को भूमि उपलब्ध न होने के कारण 600.16 लाख ...