नैनीताल, दिसम्बर 20 -- हाईकोर्ट ने उत्तराखंड लोक सेवा आयोग की ओर से उत्तराखंड न्यायिक सेवा सिविल न्यायाधीश (जूनियर डिवीजन) प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम का फिर से मूल्यांकन करने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने परीक्षा में पूछे गए एक सवाल को हटाने और दो अन्य सवालों के विकल्पों को सही उत्तर मानने को कहा है। साथ ही अभ्यर्थियों के जवाबों का फिर से मूल्यांकन करने और यूपीएससी रेगुलेशन-2022 के अनुसार नई मेरिट लिस्ट प्रकाशित करने का अहम निर्णय दिया है। परीक्षा के अभ्यर्थी और उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिला निवासी सूर्यांश तिवारी ने याचिका दायर कर प्रारंभिक परीक्षा के दौरान दी गई सीरीज-ए की बुकलेट में शामिल सवालों को चुनौती दी है। न्यायाधीश रवींद्र मैठाणी और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ में शुक्रवार को मामले में सुनवाई के दौरान आयोग के अधिवक्ता ने कह...