देहरादून, नवम्बर 21 -- उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में वन्यजीव-मानव संघर्ष इस कदर बढ़ गया है कि अब 490 गांव दहशत के साए में जी रहे हैं। जंगलों के किनारे बसे इन गांवों में गुलदार, बाघ, भालू, हाथी और अन्य जंगली जानवरों की आवाजाही और हमले रोजमर्रा की चुनौती बन गए हैं। खेत, खलिहान, रास्ते और यहां तक कि घरों की दहलीज भी सुरक्षित नहीं रह गई है। वन विभाग के अनुसार, इन संवेदनशील गांवों में सबसे ज्यादा खतरा गुलदार व बाघ से है। दिन में खेतों में काम करना और शाम होते ही घरों से बाहर निकलना जोखिमभरा हो गया है। कई स्थानों पर गुलदार के लगातार दिखने से स्कूल जाने वाले बच्चों तक में भय का माहौल है। विगत महीनों में इन गांवों में वन्यजीव हमलों की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं। कई लोग घायल हुए और कुछ की जान भी गई। बढ़ती घटनाओं को देखते हुए वन विभाग ने त्वरित प्रति...
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