देहरादून, अगस्त 5 -- खीर गंगा का ऐसा रौद्ररूप मैंने पहले कभी नहीं देखा। पहाड़ी से आए भयानक सैलाब को तलहटी पर बसे धराली तक पहुंचने में 40 सेकेंड से कम वक्त लगा। सैलाब के साथ बड़े-बड़े बोल्डर, विशालकाय पेड़ और मिट्टी की गाद ने पूरे धराली को दफन कर दिया। कुछ सोचने-समझने का वक्त तक नहीं मिला। मैं सिर्फ चिल्ला रहा था, लेकिन सैलाब के शोर उसके कोई मायने नहीं थे। भटवाड़ी के पूर्व कनिष्ठ ब्लाक प्रमुख संजय पंवार ने धराली पर टूटे कुदरत के कहर की आंखों देखी हिन्दुस्तान के साथ बयां किया। पंवार कहते हैं कि ठीक सामने की पहाड़ी से मैंने चंद सेकेंड में धराली को बर्बाद होते हुए देखा। धराली के ठीक ऊपर की पहाड़ी से गड़गड़ाहट की तेज आवाज आई। मैं कुछ अंदाज लगा पता तभी बोल्डर, पेड़ और मिट्टी को साथ लेकर तेज रफ्तार सैलाब कस्बे की ओर बढ़ रहा था। सामने की पहाड़ी प...