बिजनौर, सितम्बर 3 -- श्री दिगंबर जैन मंदिर में चल रहे 10 लक्षण पर्व के छठे दिन मुरैना से आए पंडित हिमांशु जैन प्रवचन करते हुए कहा कि उत्तम संयम जैन धर्म के दस लक्षणों में से एक है, जिसका अर्थ है मन, वचन और शरीर को नियंत्रित करना। यह एक महत्वपूर्ण गुण है। जो व्यक्ति को अपने जीवन में आत्म-संयम और अनुशासन बनाए रखने में मदद करता है। उन्होंने उत्तम संयम के मुख्य बिंदु बताते हुए कहा कि मन को नियंत्रित करना और उसे नकारात्मक विचारों से बचाना,वाणी को नियंत्रित करना और बोलने से पहले सोच-विचार करना, शरीर को नियंत्रित करना और उसे नकारात्मक गतिविधियों से बचाना उत्तम संयम के मुख्य बिंदु हैं। पंडित जी ने कहा कि उत्तम संयम व्यक्ति को आत्म-संयम और अनुशासन में मदद करता है। व्यक्ति को नैतिकता और मूल्यों का पालन करने में मदद करता है। आध्यात्मिक विकास और आत्म...