बदायूं, सितम्बर 7 -- बिल्सी। चंद्रप्रभु दिगंबर जैन मंदिर में मनाए जा रहे दस दिवसीय पर्यूषण पर्व के अंतिम दिन यहां उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म के रूप में मनाया गया। यहां सबसे पहले भगवान जिनेंद्र का जलाभिषेक एवं शांतिधारा की गई। प्रवचन कर रहे निखिल जैन ने कहा कि उत्तम ब्रह्मचर्य जैन धर्म में एक महत्वपूर्ण सिद्धांत है, जो हमें संयमित और आत्मा के मार्ग पर चलने का संदेश देता है। इसका मतलब होता है कि हम अपने मानसिक, भौतिक और आध्यात्मिक जीवन में संयमित रहें और अपने इंद्रियों को नियंत्रित करें। उत्तम ब्रह्मचर्य का पालन करने से हम अपनी इच्छा शक्ति को नियंत्रित करते हैं और अपने जीवन को आत्मा के विकास के लिए समर्पित करते हैं। यह हमें आत्मा के मार्ग पर चलने में मदद करता है और हमें आत्मा की गहराईयों को समझने का अवसर देता है। इसके बाद नीरेश जैन द्वारा शानदार...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.