शामली, अक्टूबर 13 -- बजाज हिन्दुस्थान शूगर मिल लिमिटेड की थानाभवन यूनिट परिसर मे रविवार को सनातन सत्संग ज्ञान यज्ञ के चतुर्थ दिवस में कथा आचार्य सुशील बलूनी ने कालिदास और महर्षि वाल्मीकि के चरित्र पर विस्तृत चर्चा की। आचार्य बलूनी ने बताया कि मनुष्य में परिवर्तन कभी भी संभव है। परिवर्तन का कोई निश्चित समय नहीं होता है । उन्होंने कहा कि जब समय आया और मां सरस्वती की कृपा हुई तो वही कालिदास महाकवि कहलाए और 'अभिज्ञान शाकुंतलम् सहित अनेक महान ग्रंथों की रचना की। आचार्य बलूनी ने उदाहरण दिया कि जब कालिदास अज्ञान में थे, तब वे पेड़ की उस डाली को काट रहे थे जिस पर स्वयं बैठे थे। इसीलिए आचार्य बलूनी ने कहा कि परिवर्तन के लिए दो बातें अनिवार्य हैं - प्रथम, जीवन में एक श्रेष्ठ गुरु और द्वितीय, ईश्वर या देवी-देवताओं का आशीर्वाद । इसी प्रकार महर्षि वाल...