बरेली, दिसम्बर 8 -- नगर निगम द्वारा 50 साल से अधिक समय से बसे और टैक्स अदा कर रहे घरों को अचानक अवैध घोषित किए जाने के बाद स्थानीय निवासियों में नाराजगी है। निगम ने अक्तूबर में 27 घरों को नोटिस जारी कर ध्वस्तीकरण का आदेश दिया था, जिसके बाद प्रभावित परिवारों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। हाईकोर्ट ने फिलहाल दो महीने तक किसी भी तरह की ध्वस्तीकरण कार्रवाई पर रोक लगा दी है। कोर्ट के इस फैसले का स्थानीय लोगों ने स्वागत किया है। घर मालिकों का कहना है कि वे बीते कई दशकों से नियमित रूप से हाउस टैक्स, पानी टैक्स और अन्य नगर निगम शुल्क का भुगतान करते आ रहे हैं। बिजली बिल भी अदा कर रहे हैं। उनका आरोप है कि निगम ने कभी घरों को अवैध बताते हुए कोई आपत्ति या नोटिस नहीं दिया। लोगों ने कहा कि अगर हमारे घर अवैध थे तो नगर निगम 50 साल से टैक्स किस आधार पर ले...