प्रयागराज, फरवरी 3 -- ई भक्ति के रंग में रंगल गांव देखा। धरम में करम में सनल गांव देखा। अगल में बगल में सगल गांव देखा। अमवसा नहाये चलल गांव देखा। कैलाश गौतम की ये कविता पढ़ते हुए इलाहाबाद के सांसद उज्जवल रमण सिंह ने लोकसभा में महाकुम्भ में हुए भगदड़ का मुद्दा उठाया। बोले कि इस महाकुम्भ में 144 साल के बाद ग्रहों का विशेष संजोग बना, जिसपर सरकार ने इसकी खूब ब्रांडिंग की। नेता मंत्री घूम-घूमकर निमंत्रण बांटे। लेकिन श्रद्धालुओं के लिए इंतजाम नहीं किया। इसके कारण तीन जगहों पर भगदड़ हुई। उसकी दो मुख्य वजह थीं। पहला पांटून पुल का बंद होना, जिससें भीड़ सरकुलेट नहीं हो पाई और रात में संगम नोज पर ही सब इक्कठा हो गए। दूसरा वीवीआईपी मूमेंट। इस आस्था के महाकुम्भ को इवेंट में बदलने और राजनीतिक लाभ लेने के चक्कर में सौकड़ों मासूम स्नानार्थियों की जान गई। सा...
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