सासाराम, मई 3 -- सासाराम, नगर संवाददाता। पटना हाई कोर्ट ने बिहार विश्वविद्यालय अधिनियम 1976 की धारा 57-A में किए गए संशोधन का लाभ बिहार के संबद्धता प्राप्त महाविद्यालय में नियुक्त शिक्षकों को वेतन व अन्य सुविधा मुहैया करने का आदेश दिया है। आदेश को लेकर संबद्धता प्राप्त कॉलेजों के शिक्षकों में खुशी का माहौल है। इस फैसले का बिहार प्रदेश शिक्षक प्रकोष्ठ के प्रदेश कार्य समिति सदस्य शिक्षाविद डॉ विनोद सिंह उज्जैन ने स्वागत किया है। डॉ उज्जैन ने कहा कि बिहार के संबद्धता प्राप्त महाविद्यालयो में वर्षों से नियुक्त शिक्षकों को छात्रों के परीक्षाफल के आधार पर 10 वर्षों तक लंबित कर अनुदान देना बेमानी है। राज्य में नई शिक्षा नीति के तहत चारवर्षीय पाठ्यक्रम को लागू करने की जिम्मेवारी इन्हीं महाविद्यालयों के कंधों पर है। राज्य सरकार तथा विश्वविद्यालय क...