गाज़ियाबाद, अप्रैल 22 -- गाजियाबाद। संगीन या सामान्य मुकदमों में धारा या आरोपियों के नाम घटाने-बढ़ाने में अब विवेचकों की मनमानी नहीं चलेगी। अब संबंधित डीसीपी या एसीपी से अनुमति के बाद ही विवेचक यह कार्य कर सकेंगे। इस संबंध में पुलिस आयुक्त ने मंगलवार को निर्देश जारी किए हैं। थाने पर केस दर्ज होने के बाद विवेचना के लिए विवेचक नियुक्त किया जाता है। विवेचना के दौरान विवेचक द्वारा केस में धाराएं घटाने-बढ़ाने तथा आरोपियों की संख्या कम या ज्यादा करने का काम किया जाता है। पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक नवागंतुक पुलिस आयुक्त ने पाया कि विवेचकों द्वारा इस कार्य के लिए उच्चाधिकारियों से कोई अनुमति नहीं ली जा रही है। धाराएं घटाने-बढ़ाने और आरोपियों के नाम निकालने या नाम बढ़ाने में विवेचकों द्वारा मनमानी की जा रही है। इस पर पुलिस आयुक्त का कहना है ...