गंगापार, मार्च 9 -- सरकारी सस्ते- गल्ले की दूकानों पर समय से खाद्यान्न न पहुंचने का खामियाजा आखिरकार राशनकार्ड धारकों को भुगतना पड़ गया। फरवरी माह में महाकुंभ के कारण जिन उचित दर दूकानदारों को आपूर्ति नहीं मिल सकी थी उनका उठान मार्च में होने से गरीबों को राशन इतने कम समय में वितरित करना टेढ़ी खीर सरीखा रहा। हालात यह कि लक्ष्य पूरा होने से पहले यह तय तिथि निकल गई। हालत यह कि ब्लॉकभर के दर्जनों कोटेदारों के यहां खाद्यान्न पर्याप्त मात्रा में होने के बावजूद वह वितरण नहीं कर सके। गरीबों को आस थी कि बायोमैट्रिक ई- पास मशीन पर फिंगर लगाने की तिथि बढ़े तो शायद उन्हें दो जून का निवाला मिल पाए लेकिन अबतक तो उन्हें निराशा ही हांथ लगी है। विकास खंड में सैकड़ों की संख्या में लोग फरवरी के राशन से वंचित रह गए। इस बारे में जिम्मेदार अफसर भी मुंह खोलने को तै...