मुजफ्फरपुर, दिसम्बर 28 -- मुजफ्फरपुर, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के तहत किसी भी मामले की जांच के दौरान गवाहों के बयान व अन्य साक्ष्यों को पुलिस केस डायरी में अंकित करने के अलावा वीडियो भी तैयार करती है। साक्ष्यों व गवाहों के बयान का डिजिटल स्वरूप पेन ड्राइव में संग्रहित रहता है। अब इस डिजिटल स्वरूप को ई-साक्ष्य पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा। इसकी कोडिंग भी की जाएगी। इससे कोई इसमें छेड़छाड़ नहीं कर सकता है। मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट में इसे देखा जा सकता है। इसे कोर्ट साक्ष्य के रूप में स्वीकार कर सकता है। गृह विभाग ई-साक्ष्य प्रबंधन नियमावली के प्रस्ताव को सरकार की स्वीकृति के लिए तैयार की है। डॉक्टरों की वीसी से होगी गवाही : मामलों की सुनवाई के दौरान अक्सर देखा गया है कि घायलों का इलाज या शव का पोस्टमार्टम करने ...